रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की भूमिका और कार्य।
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया भारत देश का केंद्रीय बैंक है। अन्य सभी देशों में केंद्रीय बैंक होते हैं। केंद्रीय बैंक की स्थापना 1 अप्रैल 1935 में हुई और इसका राष्ट्रीयकरण 1 जनवरी 1945 में हुआ। सामान्य पारंपरिक समारोह के साथ-साथ विकसित देश जैसे भारत में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया बहुत सारे कार्य का प्रदर्शन करती है। यह समारोह देश के विशेष काम है, तो इसे देश की आवश्यकता के अनुसार बदला जा सकता है।
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की स्थापना बैंक ऑफ इंग्लैंड के आधार पर की गई थी क्योंकि उस समय भारत देश उसके अधीन था इसलिए इंग्लैंड ने इसका निर्माण किया। अतः केंद्रीय बैंक के मुख्य दो कार्य होते हैं।
1. सामान्य कार्य
2. विकसित कार्य,
1. सामान्य कार्य:
(a). मुद्रा निर्गमन
यह रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया स्वयं के हित में होता है कि वह ₹2 से लेकर ₹10000 तक के नोट छाप सकती है, लेकिन सरकार की आदेश या सहमति से। केंद्रीय बैंक दो प्रकार में मुद्रा का निर्माण करती है। नोट आरबीआई करती है और सिक्कों का वितरण और छापना सरकार के हाथ में होता है। एक रुपए का नोट मुद्रा मंत्रालय ही निर्गमन कर सकती है जिस पर वित्तीय सचिव के हस्ताक्षर होते हैं।
(b). सरकारी
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के भारत में 29 शाखाएं एवं कार्यालय हैं जो सरकार के कार्य देखती हैं। राज्य और केंद्रीय बैंक, इन दोनों बैंक के खाते रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया में होते हैं।